Monday, June 8, 2015

poem - inspired by 'A Second Spring'

मेरा होना तेरे होने का हासिल
तेरे होने में ही मुश्किल बड़ी है
तसव्वुर में ख़ुशी पाने की आदत
बड़ी बेकार ये आदत पड़ी है
जुदा वक्त ने तुझसे कर दिया,
पर हमारे बीच लम्हों की लड़ी है
ख्यालों में तुम्हारा अक्स जैसे
कोई उम्मीद आँखों में जड़ी है
हमारे और उसके दरमियाँ अब
ख़मोशी ही फ़क़त साझा कड़ी है
@nandita tiwari shared these beautiful lines for Avantika, a lead character in my novel....
she is currently reading my novel - A Second Spring...Brings New Hope

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